बलरामपुर : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है. ओवैसी ने सवाल करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने अब तक अजय मिश्रा को कैबिनेट से क्यों नहीं हटाया, जबकि अजय मिश्रा ने 2 दिन पहले अपनी तकरीर में कहा था कि सुधार जाओ नहीं तो दो मिनट में सुधार दिया जाएगा. इसके 2 दिन बाद उनके बेटे की गाड़ी से 4 किसानों को मार दिया जाता है.
यूपी के बलरामपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि नरेंद्र मोदी अजय मिश्रा को कैबिनेट से बाहर इसलिए नहीं निकाल रहे हैं, क्योंकि वह ऊंची जाति से आते हैं, चुनाव नजदीक हैं और यदि अजय मिश्रा को हटाया तो उच्च जाति के वोट नहीं मिलेंगे. इसलिए वो उन्हें बचा रहे हैं. यदि उसका नाम आशीष मिश्रा की जगह अतीक होता, तो दो मिनट में उनके घर पर बुलडोजर चलवा दिया जाता.
ओवैसी ने कहा कि लखीमपुर की घटना में मारे गए किसान नक्षक्तर सिंह का बेटा सेना में है. वह कहते थे कि बेटा तुम देश की सेवा करो, मैं किसानी करके भूखों का पेट भरूंगा. लेकिन यह सरकार उन्हें न्याय तक नहीं दिला पा रही है. किसानों के नाम पर अब राजनीति हो रही है.
असदुद्दीन ओवैसी ने लखीमपुर की घटना पर बोलते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पुलिस केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को थाने में बुलाती है और 10 घंटे तक नाश्ता खिलाती है. ऐसा लग रहा था कि बबुआ थाने नहीं, बल्कि अपने ससुराल गया हुआ है. जहां आवभगत की जा रही है.
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ओवैसी ने सपा और बसपा सुप्रीमो पर हमला बोलते हुए, कहा कि ये मुसलमान को अपनी जागीर समझते हैं. लेकिन उनका कोई काम नहीं करते हैं. ओवैसी ने कांग्रेस पार्टी को नेता विहीन करार दिया और कहा कि कांग्रेस अपने नेता को खोजे फिर जनता के बीच जाए.
ओवैसी ने कहा कि मुसलमान के वोट की कोई कीमत नहीं है. हमारे युवाओं की जिंदगियां जेलों में सड़कर बर्बाद हो रही हैं. आज प्रदेश की जेलों में 27 प्रतिशत मुस्लिम युवा बंद है. उनके मामले अंडर ट्रायल है, इसका जिम्मेदार कौन है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि मुसलमानों का वोट लेने के लिए सब आते हैं. लेकिन जब उन्नाव में फैसल मारा जाता है तो उसके घर कोई नहीं जाता. वहीं, जब गोरखपुर में योगी की पुलिस व्यापारी मनीष गुप्ता की निर्मम हत्या कर देती है तो उसके घर अखिलेश यादव पहुंचते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ परिवार से मिलते हैं और 40 लाख रुपये का चेक देकर आते हैं. यह दोहरी मानसिकता है, फिर भी वो कहते हैं कि मुसलमान हमारे पास नहीं आएगा, तो किसके पास आएगा.